पंजाब में धान की कटाई के साथ ही पराली जलाने की घटनाओं में तेजी आई है। 15 अक्टूबर 2025 तक प्रदेश में कुल 165 मामले दर्ज किए गए हैं, जो दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत में वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण बनते जा रहे हैं। पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ हफ्तों में यह संख्या और बढ़ सकती है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की हवा खतरनाक स्तर तक प्रदूषित हो सकती है। पंजाब सरकार ने किसानों को पराली प्रबंधन के लिए मशीनें उपलब्ध कराने और जागरूकता अभियान चलाने के बावजूद, किसान लागत बचाने के लिए पराली जलाना जारी रखे हुए हैं। पर्यावरण मंत्रालय ने राज्य सरकार से सख्त कार्रवाई करने और वैकल्पिक समाधान लागू करने का आग्रह किया है।
पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं तेज, 15 अक्टूबर तक 165 मामले दर्ज













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