सर्दियों की शुरुआत होते ही देश के कई राज्यों में वायरल बुखार और फ्लू के मामलों में अचानक तेजी देखने को मिल रही है। अस्पतालों और क्लीनिकों में पिछले दो हफ्तों के अंदर मरीजों की संख्या में 20–30% तक वृद्धि दर्ज की गई है। बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में इसका असर ज्यादा दिखाई दे रहा है।
डॉक्टरों के अनुसार सर्दी बढ़ते ही वातावरण में नमी और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण वायरस तेजी से एक्टिव हो जाते हैं। इसके साथ ही लोग ठंड में पानी कम पीते हैं, कमरे बंद रखते हैं और धूप कम लेते हैं—ये सभी वायरल संक्रमण फैलने के कारण बनते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में मरीजों में तेज बुखार, सिरदर्द, गले में दर्द, खांसी, सर्दी, शरीर में दर्द और कमजोरी जैसे लक्षण अधिक देखे जा रहे हैं। कुछ मामलों में बुखार 3–4 दिन तक बना रहता है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि अधिकतर मरीज सामान्य उपचार से ठीक हो रहे हैं।
डॉक्टरों ने लोगों को दी यह महत्वपूर्ण सलाह:
- गीले व ठंडे वातावरण से बचें, शरीर को गर्म रखें
- दिन में कम से कम दो बार भाप (स्टीम) लें
- पर्याप्त पानी, सूप और हर्बल चाय का सेवन करें ताकि शरीर हाइड्रेट रहे
- घर और कमरे में हवा का सही वेंटिलेशन बनाए रखें
- किसी भी तरह की सेल्फ-मेडिकेशन से बचें, जरूरत पड़ने पर डॉक्टर को दिखाएँ
- लगातार तेज बुखार या सांस लेने में परेशानी हो तो तुरंत अस्पताल जाएँ
डॉक्टरों का मानना है कि यदि लोग थोड़ी सावधानी बरतें और अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दें, तो इस मौसम में फैल रहे वायरल संक्रमण से आसानी से बचा जा सकता है। आने वाले दिनों में तापमान और गिरने की संभावना है, ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स ने सभी को अलर्ट रहने की सलाह दी है।













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