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भारत में ‘विकसित भारत शिक्षा अधिशासन विधेयक 2025’ से उच्च शिक्षा में सुधार की नई दिशा

आज, 19 दिसंबर 2025 को भारत के शिक्षा परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण सुधार प्रस्ताव पेश किया गया — विकसित भारत शिक्षा अधिशासन विधेयक 2025 (Viksit Bharat Shiksha Adhishthan Bill 2025)। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य उच्च शिक्षा के ढांचे को पुनर्गठित करना और इसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए मजबूत बनाना है।

इस विधेयक से शिक्षा नीति में पारदर्शिता, गुणवत्ता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है। यह प्रस्ताव कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शोध-आधारित शिक्षा, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा।


विधेयक के प्रमुख बिंदु

त्रिपक्षीय परिषद संरचना: उच्च शिक्षा के शासन और विनियमन के लिए तीन प्रमुख परिषदों का प्रस्ताव रखा गया है।
नियामक परिषद (Regulatory Council): यह परिषद उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता और संचालन मानकों की निगरानी करेगी।
मान्यता परिषद (Accreditation Council): इस परिषद का काम उच्च शिक्षा संस्थानों में गुणवत्ता संस्कृति को बढ़ावा देना होगा।
मानक परिषद (Standards Council): यह परिषद सीखने, पाठ्यक्रम और मूल्यांकन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानक तय करेगी।


शिक्षा प्रणाली में संभावित सुधार

  1. स्वायत्तता और गुणवत्ता में सुधार: उच्च शिक्षा संस्थानों को अधिक स्वायत्तता दी जाएगी, जिससे उनकी प्रशासनिक और अकादमिक क्षमता में वृद्धि होगी।
  2. वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़ोतरी: छात्रों का शैक्षणिक अनुभव बेहतर होगा और वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।
  3. अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहन: उच्च शिक्षा संस्थानों में शोध और नवाचार के लिए अनुकूल वातावरण विकसित होगा।
  4. उद्योग और शिक्षा साझेदारी: उद्योग और शिक्षा संस्थानों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे छात्रों को वास्तविक दुनिया का अनुभव मिलेगा।

विधेयक का महत्व

शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह विधेयक भारत को वैश्विक शिक्षा मानचित्र पर और अधिक सशक्त बनाएगा। यह न केवल छात्रों के शैक्षणिक अनुभव को बढ़ाएगा, बल्कि विश्व स्तर पर भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की स्थिति को भी मजबूत करेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि

  • यह विधेयक पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देगा।
  • शिक्षकों और संस्थानों के लिए गुणवत्ता मानक स्पष्ट होंगे
  • छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक और रोजगारोन्मुख शिक्षा प्राप्त होगी।

भविष्य की दिशा

विकसित भारत शिक्षा अधिशासन विधेयक 2025 यह संकेत देता है कि भारत उच्च शिक्षा में अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाने और छात्रों के लिए बेहतर अवसर प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

  • विश्वविद्यालय और कॉलेज अधिक प्रतिस्पर्धी और वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त होंगे।
  • शोध आधारित शिक्षा और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
  • छात्रों के लिए व्यावहारिक कौशल, उद्योग अनुभव और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के अवसर बढ़ेंगे।

निष्कर्ष

इस विधेयक के लागू होने से भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता, प्रतिस्पर्धा और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। यह न केवल शिक्षा संस्थानों को सशक्त बनाएगा बल्कि छात्रों के वैश्विक स्तर पर दक्षता और रोजगार संभावनाओं को भी मजबूत करेगा।

संक्षेप में, यह विधेयक भारतीय उच्च शिक्षा में एक नई क्रांति और सुधार की दिशा का प्रतीक है।

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