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RBI ने डिजिटल पेमेंट में धोखाधड़ी रोकने के लिए नई सुरक्षा गाइडलाइन जारी की—अब 24 घंटे सुरक्षा सुविधा

डिजिटल पेमेंट फ्रॉड के बढ़ते मामलों पर लगाम कसने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक व्यापक और सख्त सुरक्षा गाइडलाइन जारी की है। RBI का कहना है कि देश में डिजिटल लेनदेन का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में उपभोक्ताओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। नई गाइडलाइन में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनसे आम ग्राहकों को बड़ी राहत मिलने वाली है।

नई व्यवस्था के तहत अगर किसी ग्राहक के बैंक खाते, UPI, नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड या वॉलेट से अनधिकृत लेनदेन (Unauthorized Transaction) होता है, तो बैंक को 24 घंटे के भीतर ग्राहक का पूरा पैसा वापस करना होगा। इससे पहले कई बार ग्राहकों को दावा करने और पैसे वापस पाने में कई दिनों या हफ्तों का समय लगता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया काफी तेज और पारदर्शी होगी।

इसके अलावा RBI ने बैंकों को यह भी निर्देश दिया है कि वे ग्राहकों को रियल-टाइम अलर्ट सिस्टम उपलब्ध कराएँ। इसका मतलब है—जैसे ही कोई लेनदेन होगा, ग्राहक को तुरंत SMS या ऐप नोटिफिकेशन प्राप्त होगा। इससे फ्रॉड का पता जल्दी चल सकेगा और नुकसान को तुरंत रोका जा सकेगा।

नई गाइडलाइन में डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म पर अतिरिक्त सुरक्षा फीचर जोड़ने की भी बात की गई है। UPI और नेट बैंकिंग में AI आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम, जोखिम-आधारित ऑथेंटिकेशन और फ्रॉड प्रिवेंशन टूल्स लागू किए जाएंगे। डेबिट कार्ड और वॉलेट्स को भी मल्टी-लेवल वेरिफिकेशन से लैस किया जाएगा।

डिजिटल भुगतान विशेषज्ञों का मानना है कि इन नए नियमों से भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में पारदर्शिता और विश्वास और बढ़ेगा। साथ ही फ्रॉड मामलों में तेजी से कार्रवाई होने से उपयोगकर्ता अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे और डिजिटल लेनदेन का उपयोग और बढ़ेगा।

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