भारतीय रेलवे ने यात्रियों को नया झटका देते हुए 26 दिसंबर 2025 से रेल टिकट किरायों में बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है। रेलवे मंत्रालय द्वारा जारी जानकारी के अनुसार यह बढ़ोतरी देशभर में चलने वाली अधिकांश मेल, एक्सप्रेस और लंबी दूरी की ट्रेनों पर लागू होगी। इस निर्णय से प्रतिदिन यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों के साथ-साथ त्योहार और छुट्टियों के मौसम में सफर करने वाले लोगों पर भी सीधा असर पड़ेगा।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सामान्य श्रेणी में किराया सीमित रूप से बढ़ाया गया है, जबकि स्लीपर, थर्ड एसी, सेकंड एसी और फर्स्ट एसी कोच में किराए में अपेक्षाकृत अधिक वृद्धि की गई है। इसके अलावा राजधानी, शताब्दी, दुरंतो और वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनों के किरायों में भी संशोधन किया गया है। रेलवे का कहना है कि नई दरें दूरी और श्रेणी के आधार पर तय की गई हैं।
सरकार के अनुसार यह फैसला बढ़ती परिचालन लागत, डीज़ल और बिजली की कीमतों, ट्रैक और कोच के रखरखाव खर्च को देखते हुए लिया गया है। साथ ही यात्रियों को बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। रेलवे मंत्रालय का दावा है कि किराया बढ़ोतरी से प्राप्त होने वाले राजस्व का उपयोग स्टेशन विकास, ट्रेनों की समयपालन व्यवस्था, कोचों की साफ-सफाई, सुरक्षा उपायों और यात्रियों की सुविधाओं में किया जाएगा।
इस घोषणा के बाद यात्रियों की प्रतिक्रिया मिली-जुली देखने को मिल रही है। कुछ यात्रियों ने कहा कि पहले से बढ़ती महंगाई के बीच रेल किराया बढ़ना आम जनता पर अतिरिक्त बोझ डालेगा, खासकर उन लोगों पर जो रोज़ाना ट्रेन से सफर करते हैं। वहीं कुछ यात्रियों का मानना है कि यदि किराया बढ़ने के साथ-साथ सुविधाओं में वास्तविक सुधार होता है, तो यह फैसला लंबे समय में फायदेमंद साबित हो सकता है।
रेलवे अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और कुछ विशेष श्रेणियों को मिलने वाली छूट व्यवस्था फिलहाल यथावत रहेगी। हालांकि भविष्य में इन रियायतों की समीक्षा की जा सकती है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि यात्रा की योजना बनाते समय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट, IRCTC ऐप या नजदीकी आरक्षण काउंटर से नए किरायों की जानकारी अवश्य प्राप्त करें।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह किराया वृद्धि रेलवे की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगी, लेकिन साथ ही सरकार के लिए यह जरूरी होगा कि यात्रियों को बेहतर सेवा और सुविधा का वास्तविक लाभ मिले। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि रेलवे इस अतिरिक्त राजस्व का उपयोग किस हद तक यात्री सुविधाओं के सुधार में करता है।













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