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नई रोग-नियंत्रण नीति से स्थानिक स्वास्थ्य केंद्रों की क्षमता बढ़ेगी

आज सरकार द्वारा जारी की गई नई रोग-नियंत्रण नीति के तहत देशभर के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने का निर्णय लिया गया है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना और बीमारियों की समय पर पहचान व नियंत्रण सुनिश्चित करना है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इस नई योजना के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) को अपग्रेड किया जाएगा। इनमें आधुनिक चिकित्सा उपकरण, बेहतर जांच सुविधाएं और प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की व्यवस्था की जाएगी, ताकि आम जनता को इलाज के लिए बड़े शहरों पर निर्भर न रहना पड़े।

नई नीति के तहत संक्रामक और गैर-संक्रामक रोगों की पहचान के लिए विशेष निगरानी प्रणाली विकसित की जा रही है। इससे डेंगू, मलेरिया, टीबी, वायरल बुखार और अन्य मौसमी बीमारियों पर समय रहते नियंत्रण किया जा सकेगा। इसके साथ ही ब्लड टेस्ट, डिजिटल रिपोर्टिंग और ऑनलाइन डेटा सिस्टम को भी मजबूत किया जाएगा।

ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को इस योजना से विशेष लाभ मिलने की उम्मीद है। अब स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों पर ही शुरुआती जांच, दवाइयां और परामर्श उपलब्ध होंगे। गंभीर मामलों में मरीजों को उच्च स्तर के अस्पतालों से डिजिटल माध्यम से जोड़ा जाएगा, जिससे इलाज में देरी न हो।

सरकार ने इस योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य कर्मियों के प्रशिक्षण पर भी विशेष जोर दिया है। डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ को आधुनिक तकनीक, रोग पहचान और आपातकालीन उपचार से संबंधित विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि नई रोग-नियंत्रण नीति से देश की स्वास्थ्य प्रणाली और अधिक मजबूत होगी। समय पर बीमारी की पहचान और रोकथाम से न केवल मरीजों की संख्या कम होगी, बल्कि इलाज पर होने वाला खर्च भी घटेगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि आने वाले महीनों में इस योजना का विस्तार देश के सभी जिलों में किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि हर नागरिक को उसके घर के नजदीक बेहतर और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें।

नई रोग-नियंत्रण नीति को ग्रामीण स्वास्थ्य ढांचे को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है, जिससे भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी।

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