धर्मनगरी हरिद्वार में इन दिनों गंगा आरती और विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में श्रद्धालुओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। ठंड के मौसम के बावजूद देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पवित्र गंगा के दर्शन, स्नान और आरती में शामिल होने के लिए हरिद्वार पहुंच रहे हैं। हर की पैड़ी, सुभाष घाट और आसपास के प्रमुख घाटों पर शाम के समय भक्तिमय माहौल देखने को मिल रहा है।
प्रतिदिन आयोजित होने वाली सांध्यकालीन गंगा आरती में हजारों श्रद्धालु दीप प्रज्वलित कर मां गंगा की आराधना कर रहे हैं। वैदिक मंत्रोच्चारण, शंखनाद और भजन-कीर्तन से पूरा गंगा तट आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठता है। स्थानीय पंडा-पुरोहितों और साधु-संतों का कहना है कि गंगा आरती न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन भी प्रदान करती है।
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं को और मजबूत किया है। घाटों पर पुलिस बल, जल पुलिस और आपदा प्रबंधन टीम तैनात की गई है। साथ ही साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और चिकित्सा सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
गंगा सभा और सामाजिक संगठनों द्वारा गंगा स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वे गंगा में कचरा न डालें और धार्मिक मर्यादाओं का पालन करें।
धार्मिक विशेषज्ञों का मानना है कि हरिद्वार में बढ़ती धार्मिक गतिविधियां न केवल सनातन संस्कृति को मजबूत कर रही हैं, बल्कि इससे धार्मिक पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिल रहा है।













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