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जापान में 6.2 तीव्रता का भूकंप: रात में मचा हड़कंप, कई इमारतें क्षतिग्रस्त—प्रशासन हाई अलर्ट पर

जापान के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में देर रात 6.2 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। भूकंप का झटका इतना तेज़ था कि कई जिलों में लोग घबराहट में अपने घरों से बाहर निकल आए। जापान मौसम विभाग के अनुसार भूकंप का केंद्र समुद्र के अंदर लगभग 40 किलोमीटर गहराई पर स्थित था, यही कारण है कि इसका प्रभाव कई शहरों में महसूस किया गया।

स्थानीय प्रशासन ने बताया कि कई इमारतों में दरारें आने की पुष्टि हुई है। कुछ पुराने मकानों के दीवारों का प्लास्टर गिर गया, जबकि दो छोटे पुलों के किनारों पर भी नुकसान देखा गया है। सबसे बड़ी समस्या बिजली व्यवस्था बाधित होने की रही—कई क्षेत्रों में करीब 3–4 घंटे तक बिजली गुल रही, जिससे अस्पतालों और आवासीय इलाकों में दिक्कतें बढ़ गईं। हालांकि, आपातकालीन जनरेटर की मदद से आवश्यक सेवाएँ चालू रखी गईं।

भूकंप के तुरंत बाद जापानी सरकार ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए राहत एवं बचाव दलों को प्रभावित क्षेत्रों में भेज दिया। विशेषज्ञ टीमों ने इमारतों की संरचना की जांच शुरू कर दी है ताकि यह तय किया जा सके कि किन स्थानों पर रहने वालों को अस्थायी रूप से बाहर शिफ्ट करने की आवश्यकता है।

सौभाग्य से, भूकंप के बाद सुनामी का कोई खतरा नहीं बताया गया है। फिर भी, सरकार ने तटीय इलाकों में सतर्कता बरतने और समुद्र के पास अनावश्यक गतिविधियों से दूर रहने की अपील की है। स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों को रेडियो और आधिकारिक ऐप्स के ज़रिए अपडेट लेते रहने की सलाह दी है।

जापान दुनिया के सबसे अधिक भूकंप-प्रभावित देशों में से एक है, जहां जमीन की प्लेटों की लगातार हलचल भूगर्भीय गतिविधियों को बढ़ाती रहती है। इसी कारण देश ने दुनिया की सबसे उन्नत चेतावनी प्रणालियाँ और मजबूत निर्माण तकनीकें विकसित की हैं। इस भूकंप के दौरान भी तेजी से जारी अलर्ट सिस्टम ने हजारों लोगों को पहले ही सर्तक कर दिया था, जिससे जनहानि के बड़े जोखिम टल गए।

रिपोर्ट मिलने तक किसी बड़े नुकसान या जनहानि की सूचना नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले 24 घंटे आफ्टरशॉक का खतरा बना रह सकता है। प्रशासन ने नागरिकों से सावधानी बरतने और घरों में उपलब्ध इमरजेंसी किट्स तैयार रखने को कहा है।

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