देशभर में कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने गंभीर चिंता जताई है। हाल के महीनों में 30 से 40 वर्ष की आयु के युवाओं में अचानक हार्ट अटैक के कई मामले सामने आने के बाद सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य चेतावनी के रूप में देखा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार बदलती जीवनशैली, अत्यधिक तनाव, अनियमित खान-पान, नींद की कमी और शारीरिक गतिविधि की कमी इसके मुख्य कारण बन रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि कई युवा बिना किसी पूर्व लक्षण के हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक स्थिति है।
⚠️ सरकार और डॉक्टरों की संयुक्त चेतावनी
विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि हार्ट अटैक अब सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं रह गई है।
आज के युवा वर्ग में:
✔ हाई ब्लड प्रेशर
✔ कोलेस्ट्रॉल
✔ मोटापा
✔ धूम्रपान और शराब
✔ मानसिक तनाव
तेजी से बढ़ रहा है, जो दिल की बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ा देता है।
🏥 नई स्वास्थ्य गाइडलाइन जारी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि:
- 30 वर्ष से अधिक आयु वालों की नियमित हार्ट स्क्रीनिंग की जाए
- सरकारी अस्पतालों में ECG और ब्लड टेस्ट की सुविधा को बढ़ाया जाए
- कार्यस्थलों और कॉलेजों में हेल्थ अवेयरनेस कैंप लगाए जाएँ
- हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षणों को लेकर लोगों को जागरूक किया जाए
हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण जिन पर तुरंत ध्यान दें
- सीने में दर्द या भारीपन
- सांस लेने में दिक्कत
- बाएं हाथ, गर्दन या जबड़े में दर्द
- अचानक पसीना और चक्कर
- असामान्य थकान
डॉक्टरों का कहना है कि इन लक्षणों को नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है।
देशभर में जागरूकता अभियान
सरकार जल्द ही “Healthy Heart India” नाम से एक विशेष अभियान शुरू करने की तैयारी में है, जिसके तहत
स्वस्थ जीवनशैली
नियमित व्यायाम
संतुलित आहार
तनाव प्रबंधन
पर विशेष जोर दिया जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते सावधानी बरती जाए तो हार्ट अटैक के अधिकांश मामलों को रोका जा सकता है। यह खबर फिलहाल देशभर में ट्रेंडिंग बनी हुई है और सोशल मीडिया पर भी इस पर लगातार चर्चा हो रही है।













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