दिल्ली-NCR में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह सख्त हो गई है। राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में लगातार “बहुत खराब” और “गंभीर” श्रेणी में पहुंच रहे AQI स्तर ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इसी के चलते केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के संबंधित अधिकारियों को 7 दिनों के भीतर वायु गुणवत्ता में ठोस और मापने योग्य सुधार लाने का अल्टीमेटम दिया है।
खराब हवा से बढ़ा स्वास्थ्य संकट
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर के महीने में दिल्ली-NCR में PM2.5 और PM10 कणों का स्तर सामान्य से कई गुना अधिक दर्ज किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रदूषण बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और पहले से सांस या हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। अस्पतालों में सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और एलर्जी के मामलों में तेज़ी से वृद्धि देखी जा रही है।
राज्य सरकारों को सख्त निर्देश
केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि अब केवल बैठकें और चेतावनियां नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। सभी संबंधित राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे:
- खुले में कचरा और पराली जलाने पर तुरंत कार्रवाई करें
- निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों को अनिवार्य बनाएं
- पुराने और अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कड़ी पाबंदी लगाएं
- औद्योगिक इकाइयों की लगातार निगरानी और जांच करें
- सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा दें
GRAP नियमों को और सख्ती से लागू करने का आदेश
पर्यावरण मंत्रालय ने Graded Response Action Plan (GRAP) के सभी चरणों को प्रभावी तरीके से लागू करने को कहा है। इसके तहत ज़रूरत पड़ने पर निर्माण कार्य रोकने, डीज़ल जेनरेटर पर प्रतिबंध और स्कूलों में विशेष दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं।
केंद्र की सीधी निगरानी की चेतावनी
मंत्री ने अधिकारियों को यह भी चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह के भीतर हालात में सुधार नहीं दिखा, तो केंद्र सरकार सीधे हस्तक्षेप करेगी और सख्त फैसले लिए जाएंगे। इसमें केंद्रीय एजेंसियों की तैनाती और राज्यों के खिलाफ कार्रवाई तक शामिल हो सकती है।
दीर्घकालिक समाधान पर भी काम
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यह अभियान केवल अस्थायी राहत तक सीमित नहीं रहेगा। आने वाले समय में लंबी अवधि की प्रदूषण नियंत्रण नीति, हरित ऊर्जा को बढ़ावा, इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग और शहरी नियोजन में बदलाव जैसे उपायों पर भी तेजी से काम किया जाएगा।
जनता से भी सहयोग की अपील
केंद्र सरकार ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि वे निजी वाहनों का कम उपयोग करें, कार-पूलिंग अपनाएं, कचरा न जलाएं और पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को अपनाएं।
सरकार का दावा है कि यदि प्रशासन और जनता मिलकर जिम्मेदारी निभाएं, तो आने वाले दिनों में दिल्ली-NCR की हवा में स्पष्ट सुधार देखा जा सकता है।













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