धार्मिक भावनाएँ आहत होने का आरोप, पुलिस जांच तेज
तिरुवनंतपुरम / केरल:
केरल में सामने आए ‘Pottiye’ पैरोडी गाने को लेकर धार्मिक भावनाएँ आहत होने का बड़ा मामला गरमा गया है। यह गाना कथित तौर पर एक पवित्र धार्मिक भजन (अय्यप्पा भक्ति गीत) से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है, जिसे चुनावी प्रचार और व्यंग्य के रूप में इस्तेमाल किया गया। इस पर कई धार्मिक संगठनों और श्रद्धालुओं ने कड़ा विरोध जताया है।
मामला बढ़ने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, वहीं गाने के लेखक और इससे जुड़े लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया भी तेज हो गई है।
क्या है पूरा विवाद?
🔹 ‘Pottiye’ नाम का यह गाना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ
🔹 आरोप है कि गाने में पूजनीय धार्मिक भजन की धुन और शब्दों का गलत प्रयोग किया गया
🔹 इसे राजनीतिक प्रचार से जोड़कर पेश किया गया
🔹 श्रद्धालुओं का कहना है कि इससे उनकी आस्था और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है
पुलिस की एंट्री, FIR दर्ज
मामले की गंभीरता को देखते हुए
थिरुवनंतपुरम पुलिस ने जांच शुरू की
गाने के लेखक के खिलाफ मामला दर्ज (FIR) किया गया
साइबर सेल भी यह जांच कर रही है कि गाना किस उद्देश्य से और किन प्लेटफॉर्म्स पर फैलाया गया
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि
“अगर यह साबित होता है कि गाने का उद्देश्य धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना था, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
धार्मिक संगठनों का विरोध
कई धार्मिक संगठनों और अय्यप्पा भक्तों ने
इस गाने को तुरंत हटाने
सार्वजनिक माफी की मांग
भविष्य में धार्मिक प्रतीकों के दुरुपयोग पर सख्त कानून
की मांग की है।
उनका कहना है कि
धर्म और आस्था को राजनीति या मज़ाक का विषय बनाना गलत है
भक्ति गीत करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़े होते हैं
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम धार्मिक सम्मान
इस मामले ने एक बार फिर बड़ी बहस छेड़ दी है—
क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर धार्मिक भावनाएँ आहत की जा सकती हैं?
क्या चुनावी माहौल में धर्म का इस्तेमाल जायज़ है?
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि
अभिव्यक्ति की आज़ादी ज़रूरी है
लेकिन यह आज़ादी किसी की आस्था को ठेस पहुँचाने का लाइसेंस नहीं है













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