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हरिद्वार में धार्मिक अनुष्ठानों की श्रृंखला तेज, संत-समाज ने सनातन एकता और सेवा का दिया संदेश

हरिद्वार में इन दिनों धार्मिक अनुष्ठानों, यज्ञ-हवन और आध्यात्मिक कार्यक्रमों की श्रृंखला तेज हो गई है। शहर के विभिन्न आश्रमों, मंदिरों और गंगा तटों पर लगातार धार्मिक आयोजन हो रहे हैं, जिनमें देशभर से आए श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। संत-महात्माओं ने इन आयोजनों के माध्यम से सनातन संस्कृति, सामाजिक एकता और सेवा भाव का संदेश दिया।

कनखल, ज्वालापुर, भूपतवाला और हर की पैड़ी क्षेत्र में विशेष पूजा-पाठ, महामृत्युंजय जप, गंगा पूजन और वैदिक अनुष्ठान संपन्न कराए जा रहे हैं। धार्मिक आयोजनों के चलते हरिद्वार में श्रद्धालुओं की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे शहर का आध्यात्मिक वातावरण और अधिक सजीव हो गया है।

गंगा स्नान और पूजा से जुड़ रहे श्रद्धालु

सुबह से ही श्रद्धालु गंगा स्नान कर पूजा-अर्चना में लीन दिखाई दे रहे हैं। कई श्रद्धालु परिवार के सुख-समृद्धि और राष्ट्र कल्याण की कामना के साथ गंगा पूजन, दीपदान और दान-पुण्य कर रहे हैं। संतों का कहना है कि गंगा केवल नदी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और आस्था की जीवनरेखा है।

सनातन संस्कृति के प्रचार पर जोर

धार्मिक सभाओं में वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान समय में सनातन मूल्यों को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाना आवश्यक है। इसके लिए
✔ संस्कार आधारित शिक्षा
✔ युवाओं को धर्म और संस्कृति से जोड़ना
✔ सेवा और करुणा को जीवन का हिस्सा बनाना
जैसे विषयों पर विशेष चर्चा की गई।

योग-ध्यान शिविरों में बढ़ी भागीदारी

धार्मिक आयोजनों के साथ-साथ योग और ध्यान शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है। इनमें युवाओं और महिलाओं की भागीदारी खास तौर पर देखी जा रही है। आयोजकों के अनुसार अध्यात्म और योग से मानसिक शांति के साथ-साथ सकारात्मक सोच विकसित होती है।

हरिद्वार की आध्यात्मिक पहचान और मजबूत

धार्मिक जानकारों का मानना है कि इस तरह के आयोजन हरिद्वार को केवल तीर्थ नगरी ही नहीं, बल्कि सनातन चेतना का जीवंत केंद्र बनाते हैं। आने वाले दिनों में शहर में और भी बड़े धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाने की संभावना है।

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