हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट (HEI) और इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME), संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा जारी State of Global Air (SoGA) 2025 रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2023 में वायु प्रदूषण से लगभग 20 लाख मौतें हुईं, जो वैश्विक मौतों का 52% है।
रिपोर्ट की मुख्य बातें: रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में 2000 के बाद से 43% की वृद्धि हुई है। भारत ओजोन प्रदूषण के संपर्क में तीसरे स्थान पर है। भारत की 75% आबादी PM2.5 के संपर्क में है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सीमा से अधिक है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का प्रभाव: रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत सभी परिवारों को विशेष LPG उपयोग में स्थानांतरित करने से सालाना 1,50,000 से अधिक मौतों को टाला जा सकता है।
मेथेन उत्सर्जन: संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की अंतर्राष्ट्रीय मीथेन उत्सर्जन वेधशाला (IMEO) के अनुसार, वायुमंडलीय मीथेन कार्बन डाइऑक्साइड के बाद जलवायु परिवर्तन का दूसरा सबसे बड़ा चालक है, जो ग्रह के लगभग एक तिहाई वार्मिंग के लिए जिम्मेदार है। मीथेन 20 वर्षों में CO₂ से 80 गुना अधिक शक्तिशाली है लेकिन कम अवधि (7-12 वर्ष) तक बना रहता है।













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