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भारत में गैर-संचारी रोगों (NCDs) का बढ़ता बोझ — जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता

भारत में गैर-संचारी रोगों (NCDs) जैसे मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर जीवनशैली में समय रहते बदलाव नहीं किया गया, तो भारत एक गंभीर स्वास्थ्य संकट का सामना कर सकता है।

बढ़ते मामले: हाल के अध्ययनों के अनुसार, भारत में NCDs से होने वाली मौतों की संख्या कुल मौतों का लगभग 65% है। मधुमेह के मामलों में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है, जबकि हृदय रोगों से होने वाली मौतों की दर में भारत शीर्ष पर है।

जीवनशैली के कारण: विशेषज्ञों के अनुसार, अस्वास्थ्यकर भोजन, शारीरिक निष्क्रियता, धूम्रपान, शराब का सेवन और तनाव NCDs के प्रमुख कारण हैं। भारतीय आहार में चीनी, चावल और तेल की अधिक मात्रा स्वास्थ्य संकट को बढ़ा रही है।

सरकारी पहल: भारत सरकार ने NCDs की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (NP-NCD) शुरू किया है। आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (AB-HWCs) के माध्यम से 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 2025 तक, 42 मिलियन उच्च रक्तचाप और 25 मिलियन मधुमेह रोगियों का इलाज किया गया है।

रोकथाम के उपाय: स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान और शराब से परहेज, और नियमित स्वास्थ्य जांच NCDs को रोकने में मदद कर सकते हैं।

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