उत्तराखंड विधानसभा ने ‘धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2025’ पारित कर दिया है, जिसमें धार्मिक परिवर्तन और धर्म प्रचार को सीमित करने के प्रावधान शामिल हैं। इस विधेयक के अनुसार, जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। किसी भी धर्म परिवर्तन की जिला प्रशासन को अग्रिम सूचना देना अनिवार्य होगा। विधेयक में अंतर-धार्मिक विवाह के मामलों में भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। सरकार का कहना है कि यह कानून जबरन धर्मांतरण रोकने और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए बनाया गया है। हालांकि, विपक्षी दलों और कुछ सामाजिक संगठनों ने इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता में हस्तक्षेप बताया है और इसका विरोध किया है।
उत्तराखंड में ‘धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2025’ पारित













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