धनतेरस 18 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी और इस दिन यम का दीया जलाने की परंपरा का बहुत गहरा आध्यात्मिक महत्व है। देश के प्रमुख ज्योतिषियों ने स्पष्ट किया है कि प्रदोष काल में पूजा का विधान होने के कारण 18 अक्टूबर को ही धनतेरस मनाना शास्त्रसम्मत है। यम का दीया अकाल मृत्यु से बचाव और परिवार की सुरक्षा के लिए जलाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी और धन्वंतरि देव की पूजा की जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर सोना-चांदी नहीं खरीद सकते तो धनिया, मिट्टी के कलश या अन्नपूर्णा की पूजा से भी धन और धान्य की प्राप्ति होती है। प्रत्येक राशि के अनुसार विशिष्ट वस्तुएं खरीदने का भी महत्व बताया गया है।
धनतेरस पर यम का दीया जलाने का गहरा आध्यात्मिक महत्व













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