उत्तराखंड सरकार ने “धर्म की आज़ादी (संशोधन) विधेयक 2025” पारित किया है, जिसमें धार्मिक परिवर्तन / धर्म प्रचार को सीमित करने वाले प्रावधान लगाए गए हैं। यदि किसी व्यक्ति पर धर्म परिवर्तन करवाने का आरोप लगे, तो वह 3 वर्ष की सजा से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का सामना कर सकता है। साथ ही, यदि इस काम में विदेशी धन (फ़ंडिंग) शामिल हो, तो भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा।
आलोचकों का कहना है कि ये कानून धार्मिक आजादी पर प्रहार कर सकते हैं, क्योंकि “प्रचार, उपदेश” जैसी गतिविधियाँ सामान्य धार्मिक क्रियाएं हो सकती हैं।













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