देश के कई सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में इस सप्ताह नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत बड़े स्तर पर रोजगार मेले का आयोजन किया गया। इस रोजगार मेले का मुख्य उद्देश्य उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों और पास-आउट युवाओं को रोजगार और करियर से जुड़ने के लिए एक मजबूत मंच उपलब्ध कराना है।
रोजगार मेले में आईटी, शिक्षा, बैंकिंग, मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर, स्टार्टअप और डिजिटल सेवाओं से जुड़ी कई नामी कंपनियों ने भाग लिया। इन कंपनियों ने छात्रों की योग्यता और कौशल के आधार पर हजारों नौकरी के अवसर प्रदान किए। कई छात्रों को मौके पर ही इंटरव्यू के बाद ऑफर लेटर भी दिए गए।
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को केवल डिग्री ही नहीं बल्कि स्किल डेवलपमेंट, प्रैक्टिकल नॉलेज और इंडस्ट्री एक्सपोजर देना भी जरूरी है। इसी उद्देश्य से रोजगार मेले का आयोजन किया गया, जिससे छात्रों को कॉर्पोरेट दुनिया की वास्तविक आवश्यकताओं को समझने का अवसर मिला।
रोजगार मेले के दौरान करियर काउंसलिंग सेशन, रिज्यूमे गाइडेंस और स्किल ट्रेनिंग वर्कशॉप्स का भी आयोजन किया गया। विशेषज्ञों ने छात्रों को इंटरव्यू की तैयारी, कम्युनिकेशन स्किल और प्रोफेशनल व्यवहार से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।
छात्रों ने रोजगार मेले को लेकर उत्साह दिखाया और कहा कि ऐसे आयोजनों से उन्हें आत्मविश्वास बढ़ाने और सही करियर विकल्प चुनने में मदद मिलती है। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि विश्वविद्यालयों में इस तरह के रोजगार मेले युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और बेरोजगारी की समस्या को कम करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।













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