अयोध्या में बने भव्य रामलला मंदिर के उद्घाटन के बाद इस वर्ष पहला वार्षिक उत्सव आयोजित होने जा रहा है, जिसकी तैयारियाँ पूरे शहर में ज़ोरों पर चल रही हैं। मंदिर ट्रस्ट और स्थानीय प्रशासन इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। शहर में श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए विशेष सजावट, झांकियाँ, धार्मिक कार्यक्रम और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की तैयारी जारी है।
मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों के अनुसार पूरे अयोध्या को दीपों, रंग-बिरंगे फूलों, पारंपरिक तोरणों और विशेष LED लाइटिंग से सजाया जाएगा, जिससे रात में पूरा शहर स्वर्णिम आभा में नहाया हुआ दिखाई देगा। इस आयोजन के लिए विभिन्न कलाकारों और कारीगरों को भी बुलाया गया है, जो कई आकर्षक स्थलों पर रामायण से प्रेरित कलाकृतियाँ और झांकियाँ स्थापित करेंगे।
देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्सव के दौरान हर दिन लगभग 3–4 लाख भक्त अयोध्या पहुँच सकते हैं, जिसके चलते प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा इंतज़ाम किए हैं। पुलिस ने शहर को अलग-अलग सुरक्षा ज़ोनों में बांटा है और भीड़ नियंत्रण के लिए 10,000 से भी अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जा रहा है।
यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए शहर के मुख्य मार्गों पर विशेष मार्ग-निर्देशन बोर्ड लगाए जा रहे हैं। पार्किंग के लिए अलग एरिया चिन्हित किए गए हैं और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई स्थानों पर बैरिकेडिंग भी की गई है। मेडिकल इमरजेंसी के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट्स और एम्बुलेंसों को चौबीसों घंटे तैयार रखा जाएगा।
स्थानीय व्यापारियों और होटल व्यवसायियों में भी उत्सव को लेकर काफी उत्साह है। त्योहार के चलते शहर में पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी जा रही है। होटल और धर्मशालाओं में बुकिंग लगभग फुल हो चुकी है। बाजारों में भी फूल, पूजा सामग्री, मिठाइयों और स्मृति चिह्नों की मांग कई गुना बढ़ गई है।
अयोध्या के लोग इस आयोजन को सिर्फ एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक पहचान और गौरव से जुड़ा एक विशेष अवसर मान रहे हैं। कई परिवार अपने घरों को भी सजाने में लगे हैं, ताकि पूरा शहर एकजुट होकर इस ऐतिहासिक उत्सव का स्वागत कर सके।
रामलला मंदिर का यह पहला वार्षिक उत्सव अयोध्या की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चमक को नई ऊँचाइयों तक ले जाने वाला है। स्थानीय प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि यह कार्यक्रम आने वाले वर्षों में देश और दुनिया के लिए अयोध्या की पहचान और भी मजबूत करेगा।













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